अल्लाह के रास्ते में रकम देने की नजर मानना और उसके खर्च करने की जगह

यदि किसी ने मन्नत मानी के यदि मेरी मुराद पूरी हो जाएगी तो मैं अल्लाह के रास्ते में उदाहरण के तौर पर ₹500 दूंगा तो यह रकम किसी जकात के रकम के हकदार शख्स को देना होगा नजर की रकम किसी मालदार को देना जायज नहीं है इसी तरह से अपने मां-बाप को अपनी औलाद को और मियां बीवी का एक दूसरे को नजर की रकम देना भी दुरुस्त नहीं है चाहे यह रिश्तेदार गरीब ही क्यों ना हों (वल्लाहु आलम) मुस्तफाद: फतावा बिन्नोरिया फतावा शामी पार्ट नंबर2 पेज नंबर 339 हिदायतुल्लाह खादिम मदरसा रशीदिया ड़ंगरा गया बिहार HIDAYATULLAH TEACHER.MADARSA RASHIDIA.DANGRA.GAYA.BIHAR.INDIA नोट. अधिक जानकारी हेतु संपर्क भी कर सकते हैं। CONTAT.NO +916206649711 ????????????????????????????????????????????????

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