नजर के लाजिम होने के लिए जबान से बोलना जरूरी है जबान की हरकत के बगैर सिर्फ गुनगुनाने से या वहम हो जाने से या सांस के जरिए बोलने से जिसमें शब्द ना हो या सिर्फ दिल में इरादा कर लेने से नजर लाजिम नहीं होती बल्कि नजर के लाजिम होने के लिए जबान से शब्द का निकालना जरूरी है. (वल्लाहु आलम) (मुस्तफाद: फतावा दारुल उलूम देवबंदफतावा शामी पार्ट नंबर5 पेज नंबर 479 हिदायतुल्लाह खादिम मदरसा रशीदिया ड़ंगरा गया बिहार HIDAYATULLAH TEACHER.MADARSA RASHIDIA.DANGRA.GAYA.BIHAR.INDIA नोट. अधिक जानकारी हेतु संपर्क भी कर सकते हैं। CONTAT.NO +916206649711 ????????????????????????????????????????????????
ابھی کوئی تبصرہ نہیں کیا گیا۔