किसी गैर मुस्लिम को अपने साथ तिजारत में शरीक करना जायज है बशर्ते के मुसलमान का दिनी लिहाज से कोई भी नुकसान ना हो और मुसलमान की ताकत और कुववत में भी उससे कोई फर्क ना पड़ता हो और कारोबार में शरीयत के जाब्ते का पूरा लिहाज रखा जाता हो। और अगर इन बातों का लिहाज़ नहीं किया जाएगा तो फ़िर गैर मुस्लिम को अपनी तिजारत में शरीक करना दुरुस्त नहीं होगा।. (वल्लाहु आलम) (मुस्तफाद: फतावा दारुल उलूम देवबंद किफायतुल मुफ्ती पार्ट नंबर 9 पेज नंबर 410 नाकिल✍हिदायतुल्लाह खादिम मदरसा रशीदिया ड़ंगरा गया बिहार HIDAYATULLAH TEACHER.MADARSA RASHIDIA.DANGRA.GAYA.BIHAR.INDIA ???? नोट. अधिक जानकारी हेतु संपर्क भी कर सकते हैं। ☎ CONTAT.NO +916206649711 ????????????????????????????????????????????????
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