खून बेचना शरीयत में जायज नहीं है अगर मरीज को खून की बहुत ज्यादा जरूरत हो और खून चढ़ाए बगैर या बदले बगैर मरीज की जान को खतरा हो या तंदुरुस्ती की उम्मीद ना हो या बीमारी बढ़ जाने यह अच्छा होने में बहुत देरी का अंदेशा हो और माहिर दीनदार डॉक्टर किराए हो के खून चढ़ाना होगा। तो बगैर किसी उजरत के मरीज को खून देना चाहिए लेकिन अगर किसी जगह कोई बगैर उजरत के खून देने पर तैयार ना हो और खून बदले बगैर मरीज की जान को खतरा हो तो बहुत ज्यादा मजबूरी के वक्त खरीदने वाले के लिए गुंजाइश होगी लेकिन बेचने वाले के लिए इस सूरत में भी खून की कीमत हराम ही रहेगी। (वल्लाहु आलम) (मुस्तफाद: फतावा दारुल उलूम देवबंद ???? फतावा रहीमिया पाठ नंबर 5 पेज नंबर 448 ???? नाकिल✍हिदायतुल्लाह खादिम मदरसा रशीदिया ड़ंगरा गया बिहार HIDAYATULLAH TEACHER.MADARSA RASHIDIA.DANGRA.GAYA.BIHAR.INDIA ???? नोट. अधिक जानकारी हेतु संपर्क भी कर सकते हैं। ☎ CONTAT.NO +916206649711 ????????????????????????????????????????????????
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